Lok Sabha Passes Strict Immigration Bill 7 Years Jail 10 Lakh Fine Tightens Visa Rules Sparks Opposition Debate.

लोकसभा में आप्रवासन और विदेशी नागरिकों के भारत में आने से संबंधित प्रावधान वाला विधेयक गुरुवार को पास हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह में इस बिल को देश की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. वहीं, विपक्ष के कुछ दलों ने इसका विरोध किया. इस नए बिल में कानून को कड़ा करते हुए नियम के खिलाफ जाने की स्थिति में 7 साल कैद की और 10 लाख जुर्माने का भी प्रावधान है.

गृह मंत्री ने साफ कहा कि जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हो भारत की शांति को भंग करते हैं. उनके लिए कठोरता को लेकर यह कानून आया है. उन्होंने कहा यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है. हालांकि विपक्ष के कई सदस्यों ने इस बिल को लेकर सवाल भी उठाया और इसे संसद की अस्थाई समिति के पास भेजने की मांग की.

दरअसल इस विधेयक में कानूनी स्थिति साबित करने की जिम्मेदारी राज्य के बजाय व्यक्ति पर डाली गई है. इससे पहले जब बिल लाया गया था तब कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नियमों का हवाला देते हुए विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया.

मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप

उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक कई मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए, ताकि इस पर गहन विचार-विमर्श किया जा सके. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है. सौगत रॉय ने तो सीधा सीधा कहा की हमारे नागरिक डंकी रूट से अमेरिका रहे हैं, जबकि हमारा टारगेट बांग्लादेशियों को रोकने तक सीमित है.

समाजवादी पार्टी के सांसद ने तो इस चर्चा के दौरान सरकार की नीतियों पर ही सवाल उठा दिया. समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव रॉय ने कहा कि भारत का पासपोर्ट की ताकत अभी भी मजबूत नहीं हुई है और अमेरिका से हमारे नागरिकों को हथकड़ी लगा कर भेजा जा रहा है.

अमित शाह ने किया पलटवार

विपक्ष के आरोप पर अमित शाह ने भी पलटवार किया. अमित शाह ने कहा कि ये देश धर्मशाला नहीं है जो जैसे आएगा ऐसा नहीं होगा, जो हमारे देश के समृध्द करने आता है उसका स्वागत लेकिन सुरक्षा जरूरी है.

दरअसल इस विधेयक का उद्देश्य भारत में आने और जाने वाले लोगों के लिए पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेजों की अनिवार्यता को स्पष्ट करना, केंद्र सरकार को कुछ विशेष अधिकार देना और विदेशी नागरिकों के वीजा, रजिस्ट्रेशन और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को विनियमित करना है.

गृहमंत्री ने इस बिल को पास करवाने के क्रम में बांग्लादेशियों के घुसपैठ के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. उन्होंने ममता सरकार पर आरोप कि बंगाल की सीमा से सटे 450 किलोमीटर की जमीन को फेंसिंग नहीं होने दिया.

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